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अब ऐसे मिलेगा खान का गंदा पानी शिप्रा में
शिप्रा नदी में प्रतिदिन देश भर के श्रद्धालु स्नान, पूजन अर्चन करते हैं और यही पानी भगवान को भी अर्पित किया जाता है। पर्वों के दौरान नदी में हजारों की संख्या में विभिन्न घाटों पर स्नान, पूजन के अलावा शिप्रा के जल का आचमन करते हैं, लेकिन शिप्रा में लगातार खान नदी का दूषित पानी मिलने से लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। पीएचई और जल संसाधन विभाग द्वारा खान नदी के दूषित पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिये त्रिवेणी पर खान नदी में मिट्टी डालकर पाला बनाया गया। यह पाला पानी का दबाव बढऩे के कारण दो बार बह चुका है।
पिछले दिनों शनिश्चरी अमावस्या के दिन मिट्टी का पाला बहने के कारण पर्व स्नान के लिये त्रिवेणी पहुंचे लोगों को दूषित पानी में ही स्नान करना पड़ा था। जिसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त सहित पीएचई और जल संसाधन विभाग के अफसर यहां पहुंचे और समस्या के स्थायी समाधान पर मंथन कर प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिये गये थे, लेकिन इसके पहले जलसंसाधन विभाग के अफसरों द्वारा त्रिवेणी स्थित खान नदी पर एक बार फिर मिट्टी का पाला बना दिया गया।
अफसरों का तर्क… नहीं बहेगा मिट्टी का पाला…
पीएचई अफसरों का कहना है कि त्रिवेणी पर खान नदी में बना मिट्टी का पालन जल संसाधन विभाग के अंतर्गत आता है। इस विभाग के अफसरों का कहना है कि वर्तमान में शिप्रा नदी में नर्मदा का साफ पानी स्टोर है ऐसे में खान नदी के दूषितपानी को मिट्टी का पाला फिर से बनाकर रोका गया है। इस बार मिट्टी के पाले में पाइप भी लगाये गये हैं ताकि पानी का दबाव बढऩे पर पानी आगे निकल जाये और मिट्टी के पाले को नुकसान न हो।
खान डायवर्सन लाइन चालू होने के बाद भी आ रहा पानी
खान नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये शासन द्वारा खान डायवर्सन लाइन डाली गई थी। बारिश सीजन में इस लाइन को बंद कर दिया जाता है। बारिश सीजन समाप्त होने के बाद वर्तमान में खान डायवर्सन लाइन फिर शुरू कर इसमें नदी का दूषित पानी बहाया जा रहा है बावजूद इसके खान नदी में दूषित पानी बहकर त्रिवेणी पर बनाये गये मिट्टी के पाले तक आ रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा मिट्टी के पाले में पाइप डालने के बाद अब यह पानी बहकर गऊघाट स्टापडेम की ओर बह रहा है। कुछ दिनों बाद पानी का दबाव बढऩे पर इसे शिप्रा नदी के रामघाट की ओर बहा दिया जायेगा।